Description
रुद्र के जीवन में तब एक भयानक तूफ़ान आया, जब उसका बनाया कंप्यूटर सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी ने चुरा लिया और उसका इस्तेमाल एक घातक साइबर हमले में किया गया। नतीजतन उसे कानून से छिप कर एक भगोड़े की जिंदगी काटने के लिये मजबूर होना पड़ा। उस हमले की रात उसकी प्रेमिका क्रिस्टीन भी अचानक गायब हो गई और लाख कोशिशों के बावजूद रुद्र उसे ढूँढ नहीं पाया। सालों बाद, एक नया साइबर-खतरा उभरता है जिसका लक्ष्य संसार की मौजूदा वित्तीय व्यवस्था को बर्बाद कर एक नई डिजिटल मुद्रा, ज़ैंडर का वर्चस्व स्थापित करना है।
समायरा, पुलिस अकादमी में कार्यरत एक नौसिखिया डिजिटाइज़र, खतरे के उभरने पर संयोगवश रुद्र तक पहुँचने में कामयाब हो जाती है। पर उस ख़तरे से निपटने के लिये रुद्र को एक बार फिर अपने अतीत का सामना करना होगा।
क्या रुद्र देर होने से पहले इस नई साजिश का पर्दाफाश कर विश्व को आने वाली तबाही से बचा पायेगा? क्या वो कभी अपनी बेगुनाही साबित कर पायेगा? इसका जवाब तो वक्त ही बतायेगा।
एक रोमांचक सफर… जो आपको हर कदम पर चौंकाता रहेगा।
डॉ. राज़ी अहमद
‘दी मार्स कॉन्स्पिरसी’ के लेखक
दिलचस्प साइबर-थ्रिलर…
हरिनी श्रीनिवासन
‘दी कर्स ऑफ अनुगंगा’ की लेखिका
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