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  • Delhi Khooni Darvaje ka Sahar

Delhi – Hindi -

by Vineet Bajpai
CategoryHistorical Fiction
Reading level12+
LanguageHindi

Delhi – Hindi

300.00

Category:

Description

शहर की संगमरमर की मीनारों और मंदिर के गुंबदों से निकलता काला धुआं।

 

मानवीय पीड़ा की चीखें भारी तोपों से निकली आग की लपटों के नीचे दबी हुई।

 

दिल्ली आज सातवीं बार जल रही है, और इस महाअग्नि से किसी का भी बचना है असंभव।

 

जब कंपनी की सैन्य-टुकड़ी का उफनता सैलाब मुग़ल राजधानी को अपनी गिरफ्त में लेता है, तब स्वतंत्रता सेना पर टूटता है भयानक देवता निखल-भगवान का क्रोध।

 

एक बेकाबू लाल-प्रेत, थिओ मेटकॉफ, एक षड्यंत्र रचता है। टीपू के तहखाने के ख़ौफ़नाक जादू को आज़ाद करता है एक काला दरवेश, वहीँ एक स्वयंभू ईसाई धर्मयोद्धा एक अकल्पनीय योजना बनाता है। आख़री तैमूरी की तीसरी ख्वाईश हर रूह में ज़हर घोल देती है

 

लुटेरी गढ़सेना और एक निर्मम जनसंहार के बीच खड़ा है तो बस – मस्तान

 

एक दरवेश, एक सिपहसालार, एक शायर, एक बाज़, एक वैश्या,

एक पुरोहित, और एक जिन्न। यह आखरी अध्याय है, 1857 की दिल्ली की भयावह कहानी का।

 

एक अंधकारमय हृदय, और बहरे कान…

एक क़रार जिन्न के साथ;

कीमतों की कीमत, देख! उसे चुकानी होगी,

करते हुए दो गज़ कफ़न का मातम…!

Additional information

Weight 0.200 kg
Dimensions 20.00 × 12.00 × 2.00 cm
ISBN

9789395106467

Size

5" X 7.79"

Pages

320

Binding

Paperback

Publishing Year

August 2024

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